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मंगलवार, 26 नवंबर 2013

कर्मो की पवित्रता चाहिए, शरीर की पवित्रता नहीं !


 अकारण स्वयं को सत्य के श्रेष्ठ भक्त बना कर,
स्वयं को, सत्य से टकराने की स्थि
ति न दो।