श्रीकृष्णचेतनावतार देवी माँ कुसुम जी के श्रीचरणों में सौ सौ बार नमन, इन चरणों का आश्रय पाकर धन्य हुआ जीवन! आज देवी माँ का पावन जन्मोत्सव - सत्यतीर्थ आश्रम, भवानीपुर अनौराकला, फैजाबाद रोड, लखनऊ पर मनाया जाएगा, सभी श्रद्धालुओं को सपरिवार इष्टमित्रों सभी आमंत्रित किया जाता है! कार्यक्रम इस प्रकार हैं : प्रातः 12 बजे से - निशुल्क चिकित्सा शिविर प्रातः 12 बजे से - एच.एफ. आई. कला वाटिका & क्राफ्ट मेला सायं 4 बजे से - भगवान की वाणी का पाठ सायं 5 बजे से - भजन संध्या एवं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम
रविवार, 23 मार्च 2014
आस्था इतनी गहरी हो, कि मन ईश्वर की
आहट सुन कर श्रद्धा से झुक जाये !
गुरुवार, 20 मार्च 2014
पूजा किस प्रकार करें!
बुधवार, 19 मार्च 2014
भगवान का लिपि रूप में युग सन्देश
शनिवार, 8 मार्च 2014
आप सभी सपरिवार इष्टमित्रों सहित आमंत्रित हैं !
कथा कृष्ण की हो या सत्य नारायण की,
महत्व तो समझो!
मंगलवार, 4 मार्च 2014
पूजा का अर्थ समझो, फिर पुजारी बनो!
रविवार, 2 मार्च 2014
पूजा करके कहीं फ़ेंक देते हो, कहीं पेड़ों
बुधवार, 26 फ़रवरी 2014
हमारी अपनी चेष्टा होनी चाहिए, उस सत्य को स्वीकार करने की, उनके दिए ज्ञान को धारण करने की l - देवी माँ कुसुम जी
सोमवार, 24 फ़रवरी 2014
मन को भगवान की वाणी से बांधो!
रविवार, 23 फ़रवरी 2014
साधारण नहीं, असाधारण बनो!
शनिवार, 22 फ़रवरी 2014
भगवान की वाणी क्या है ?
जीवन को माया मोह के बंधनों से मत बांधो !
शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2014
पात्र बनो तब मुझसे मेरा विश्वास मांगो!
सोमवार, 17 फ़रवरी 2014
मांसाहार बंद करो!
रविवार, 16 फ़रवरी 2014
स्वार्थ त्यागो, निःस्वार्थ भक्ति का महत्व समझो
शनिवार, 15 फ़रवरी 2014
ईश्वर की शक्ति से बड़ी कोई शक्ति नहीं!
जाको राखे साइयाँ, मार सके न कोय l
शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014
जीवन के संघर्षों से हारना नहीं, जीतना सीखो।
सोमवार, 10 फ़रवरी 2014
उज्जवल भविष्य के लिए जीवन को भयमुक्त और आस्थामय बनाना होगा!
धर्म नाम है निर्भयता का, शांति और आत्मिक शक्ति का!
शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2014
न काँटों से भय करो, न अधर्म, असत्य से भय करो!
गुरुवार, 6 फ़रवरी 2014
निश्चित समय के पूर्व कुछ नहीं मिलेगा !
बुधवार, 5 फ़रवरी 2014
शून्य में ध्यान लगाना, अज्ञानतापूर्वक भक्ति से भला नहीं होगा, पहले ज्ञान पाओ फिर भक्ति करो.
मंगलवार, 4 फ़रवरी 2014
भगवान् के सामने झूठ मत बोलो, जो कहो, वो करो भी, जो करते ही नहीं, वो कहो भी नही. भगवान को धोखा मत दो, क्योंकि धोखा भगवान् को नहीं, तुम स्वयं को दे रहे हो..